Saturday, October 18, 2014

एफआईआर में शामिल नामों का खुलासा करे एसटीएफ : मिश्रा

  एफआईआर में शामिल नामों का खुलासा करे एसटीएफ : मिश्रा
परिवहन आरक्षक भर्ती परीक्षा मामले में कांग्रेस प्रवक्ता ने उठाया सवाल
भोपाल।  परिवहन आरक्षक भर्ती परीक्षा-2012 में हुए गड़बड़ घोटाले की एफआईआर दर्ज होने के चार दिन बाद भी एसटीएफ उन नामों का खुलासा क्यों नहीं कर रही। यह सवाल शनिवार को प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा ने उठाया। श्री मिश्रा ने इस मामले में दर्ज एफआईआर में शामिल नामों को उजागर करने की मांग एसटीएफ से की है। उन्होंने कहा कि एसटीएफ बताए कि वे 39 व्यक्ति कौन हैं, जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है।
श्री मिश्रा ने शनिवार को कहा कि एसटीएफ ने उन दो आईपीएस अधिकारियों के विरूद्व एफआईआर क्यों नहीं दर्ज की जो इस पूरे घोटाले के सूत्रधार हैं। इनमें से एक आईपीएस अधिकारी मुख्यमंत्री का रिश्तेदार है और दूसरे अधिकारी ने परिवहन आयुक्त बनने के लिए पांच करोड़ का चढ़ावा चढ़ाया है। श्री मिश्रा ने कहा कि एसटीएफ ने व्यापम द्वारा आयोजित अन्य परीक्षाओं में हुए घोटाले के समान इसमें भी परीक्षाथिर्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है जो पैसे दो और पद पाओ की भ्रष्ट व्यवस्था के शिकार बन गए, लेकिन घोटाले के सूत्रधार अपने रसूख के चलते अभी भी बचे हुए हैं। उन्होंने कहा कि एसटीएफ को वर्तमान और पूर्व मंत्रियों सहित परिवहन भर्ती घोटाले में शामिल सभी सफेदपोश व्यक्तियों के नामों का खुलासा करना चाहिए तभी उसकी विवेचना को निष्पक्ष माना जा सकता है। श्री मिश्रा ने रहस्योद्घाटन करते हुए कहा कि एफआईआर में शामिल परीक्षाथिर्यों के नामों का खुलासा कांग्रेस 16 अगस्त को पत्रकार वर्ता में पहले ही कर चुकी है और 21 जून को हुई पत्रकार वार्ता में जिन-जिन व्यक्तियों का उल्लेख किया गया था वे सभी नाम भी अब एक-एक कर सामने आ रहे हैं, उन्होंने कहा कि इन नामों का खुलासा करने में एसटीएफ का संकोच समझ से परे है, लेकिन कांग्रेस द्वारा इस घोटाले को लेकर जल्दी ही एक बड़ा खुलासा किया जायेगा।
श्री मिश्रा ने हैरानी जताते हुए कहा कि परिवहन विभाग द्वारा जब कुल 198 आरक्षक के पदों की भर्ती हेतु विज्ञापन जारी किया गया तो 332 उम्मीदवारों को क्यों चुना गया। कांग्रेस के आरोप के बाद परिवहन मंत्री भूपेन्द्रसिंह ने 316 चयनित परिवहन आरक्षकों की अहस्ताक्षरित सूची जारी की जबकि इस परीक्षा में कुल 332 उम्मीदवारों को चयनित कर नियुक्त किया गया। इस सूची में शामिल 16 नामों का खुलासा आखिर क्यों नहीं हो रहा है। यह एक गंभीर आपराधिक कृत्य है। श्री मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री ने परिवहन आरक्षक भर्ती परीक्षा में चयन और नियुक्ति की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी और आर्थिक लेन-देन से पूरी तरह से इंकार किया था। यदि उनकी बात सही है तो एसटीएफ को इसमें ऐसा क्या गड़बड़ घोटाला नजर आ गया कि उसने एफआईआर दर्ज कर दी। उन्होंने सवाल किया कि अब बड़बोले मुख्यमंत्री की बोलती बंद क्यों है?

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