Sunday, October 19, 2014

सीएम हाउस पहुंची महिला पर्यवेक्षकों ने तोहफे में मांगी इच्छामृत्यु

  सीएम हाउस पहुंची महिला पर्यवेक्षकों ने तोहफे में मांगी इच्छामृत्यु

 भोपाल। सुबह-सुबह संविदा पर कार्यरत महिला पर्यवेक्षकों का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री निवास पहुंचा। वहां मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को दीपावली के त्यौहार की मुबारकवाद देने के बाद इच्छामृत्यु की मांग की। प्रतिनिधि मंडल में शामिल महिला पर्यवेक्षकों का कहना है कि यदि उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जा सकता तो उन्हें परिवार सहित इच्छमृत्यु की इजाजत दें, ताकि कम से कम चैन से मर तो सकें।
महिला पर्यवेक्षकों ने रविवार को मीडिया से  रुबरु होते हुए बताया कि एक तरफ तो सरकार पीछे के रास्ते से आए हुए पंचायत साथियों, गुरुजियों, शिक्षाकर्मियों को अनुभव के आधार पर नियमित कर रही है, वहीं दूसरी ओर विधिवत प्रतियोगी परीक्षा उर्त्तीण कर आर्इं महिला पर्यवेक्षकों को नियमित करने के लिए फिर से व्यापम की परीक्षा दिए जाने के लिए बाध्य किया जा रहा है। मप्र संविदा कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मांग की है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा से चयनित होकर बने आईएएस अधिकारी जो संचालक से आयुक्त, आयुक्त से सचिव, सचिव से प्रमुख सचिव और प्रमुख सचिव से मुख्य सचिव पदोन्नति के आधार पर बनते हैं, उनकी पदोन्नति के लिए भी ठीक बैसी परीक्षा फिर से आयोजित की जाए, जब वे पहली बार भारतीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा देकर आईएएस अधिकारी बनते हैं, उन्हें भी पदोन्नति के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए आयोजित की जाने वाली खुली परीक्षा में बैठाया जाए।

इन मांगों को लेकर चल रहा है आंदोलन
- संविदा महिला पर्यवेक्षकों की मांग है कि संविदा महिला पर्यवेक्षक एक बार व्यापम की खुली सीधी भर्ती की प्रतियोगी परीक्षा दे चुकी हैं। इसके बाद वह सभी नियमित पदों के खिलाफ काम कर रही हैं। उनकी मांग है कि उन्हें अनुभव के आधार पर नियमित कर दिया जाए जिस प्रकार पंचायत सचिवों, गुरुजियों और शिक्षाकर्मियों को किया गया था।
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