Saturday, October 18, 2014

   बच्चियों के गायब होने की बात गंभीरता से ले सरकार : मानक
पीसीसी उपाध्यक्ष ने जताई चिंता
 भोपाल। प्रदेश में बच्चियों के गायब होने की बढ़ती घटनाओं पर प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष मानक अग्रवाल ने चिंता जताई है। उन्होंने कहा है कि राज्य में बच्चियों के गायब होने की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो गई है। ऐसी आशंका है कि प्रदेश के आदिवासी और दलित बहुल कुछ जिलों में तो मानव तस्करों के गिरोह सुनियोजित रूप से सक्रिय हैं। श्री अग्रवाल ने सरकार पर अक्रमण्यता का आरोप लगाते हुए कहा कि इन गिरोहों के सदस्यों की धरपकड़ के लिए सरकार कोई विशेष आपरेशन नहीं चला रही। वह केवल स्वतंत्र सेल बनाकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री मान रही है।
पिछले सवा दो साल में प्रदेश की 16 हजार अधिक नाबालिग बच्चियों के गायब होने की स्थिति को नए तर्कों के साथ मामूली साबित करने के प्रयास सरकार की तरफ से हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2008 से 2013 के बीच की अवधि में जो 29 हजार से अधिक लड़कियां गायब हुई थीं, उनमें से करीब पांच हजार को राज्य की पुलिस अब तक तलाश नहीं पाई है। निश्चित ही ये लड़कियां कहीं नारकीय जिंदगी जी रही होंगी। श्री अग्रवाल ने कहा कि गरीब परिवारों की बेटियों को अपहरण कर अथवा प्रदेश के बाहर दिल्ली, मुंबई आदि महानगरों में अच्छी नौकरी का लालच देकर मानव तस्कर घर-परिवार से गायब कर देते हैं। इस तरह गायब की गई लड़कियों की लापता होने की रिपोर्ट भी काफी हीले हवाले के बाद दर्ज की जाती है। इस बीच तस्कर लोग बालिकाओं को प्रदेश के बाहर ले जा चुकते हैं। यदि तत्काल पतासाजी की जाए, तो लड़कियों की बरामदगी संभव हो सकती है। पीसीसी उपाध्यक्ष का कहना है कि सच बात तो यह है कि बालिकाओं के लापता होने की घटनाओं को पुलिस द्वारा थाने से लेकर ऊपर तक कोई खास तवज्जोह नहीं दी जाती। उन्होंने कहा कि गृहमंत्री एक बार पुन: बच्चियों के गायब किए जाने की घटनाओं की वस्तुपरक समीक्षा करें और देखें कि वास्तविक स्थिति क्या है। श्री अग्रवाल ने लापता बालिकाओं को खोजने एवं उनको परिवार वालों को सौंपने तथा मानव तस्करी पर नियंत्रण के लिए पुलिस महकमे द्वारा एक विशेष आपरेशन संचालित किया जाए।
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