Tuesday, July 10, 2012
हॉलीवुड से दूर रहने के अपने कारण
सल्लू के साथ नर्गिस फाखरी के कुछ करीबी पल
बॉलीवुड के दबंग सलमान खान आजकल हर दूसरे दिन किसी ना किसी बात को लेकर खबरों की सुर्खियों में नज़र आने लगे हैं। वो किसी के भी साथ नज़र आ जाएं तो खबर बन जाती है। फिर चाहे वो सरबजीत के परिवार वाले हों या फिर बॉलीवुड की कोई एक्ट्रेस। हर पल मीडिया की नज़रें सलमान पर ही रहती हैं।
हाल ही में सलमान खान रॉक्स्टार फिल्म की हिरोइन और विवादों से घिरी रहने वाली नर्गिस फाखरी के साथ कुछ खूबसूरत पल बिताते नज़र आए। खबर है कि सलमान मुम्बई में आयोजित 8वें इंडो-अमेरिकन कॉरपोरेट एक्सीलेंस अवार्डस में शरीक हुए थे और साथ ही नर्गिस फाखरी भी इसी फंक्शन में नर्गिस फाखरी भी मौजूद थीं।
सलमान को इस कार्यक्रम के दौरान शिक्षा के क्षेत्र में अपना योगदान देने के लिए पुरस्कृत भी किया गया। सलमान खान जब स्टेज पर आए तो उन्होने अपनी सभी बेहतरीन फिल्मों के बारे में बात की।
पूरे कार्यक्रम के दौरान सलमान नरगिस के साथ ही नज़र आए यहां तक कि स्टेज से उतरते वक्त सलमान ने नर्गिस को सहारा भी दिया। सलमान ने मीडिया से बातचीत के दौरान ये भी कहा कि वो नर्गिस फाखरी के साथ फिल्म जरुर करना चाहेंगे। कार्यक्रम के बाद नर्गिस और सलमान ने एक साथ कई फोटोग्राफ्स भी खिंचवाए।
राहुल के पास स्पष्ट सोच नहीं
खुर्शीद ने एक समाचार पत्र को दिए साक्षात्कार में सोमवार को कहा था कि कांग्रेस को राहुल से 'वैचारिक निर्देश' नहीं मिल रहा है, उन्होंने अब तक अपने विचारों व सोच का संक्षिप्त प्रदर्शन ही किया है।
इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि खुर्शीद के बयान से स्पष्ट है कि कांग्रेस दिशाहीन है। खुर्शीद का बयान उनके विचारों की पुष्टि करता है।
प्रसाद ने कहा कि हैरान करने वाली बात यह है कि यह बयान कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन [संप्रग] सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री की ओर से आ रहा है। यदि उनका ऐसा कहना है कि कांग्रेस दिशाहीन है तो देश की स्थिति खतरे में है।
प्रसाद ने राहुल पर खुर्शीद के बयान को हास्यास्पद करार दिया। उन्होंने कहा कि उन्होंने [खुर्शीद] कहा कि राहुल ने अपने विचारों व सोच का संक्षिप्त प्रदर्शन किया है, इसका अर्थ है कि राहुल के पास कोई स्पष्ट विचार नहीं है, जिसकी पुष्टि सरकार के वरिष्ठ मंत्री भी कर रहे हैं।
प्रसाद ने कहा कि खुर्शीद का बयान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के कामकाज पर भी अंगुली उठाता है। उन्होंने कहा कि अनिश्चितता की स्थिति देश के लिए ठीक नहीं है।
राहुल के पास स्पष्ट सोच नहीं
खुर्शीद ने एक समाचार पत्र को दिए साक्षात्कार में सोमवार को कहा था कि कांग्रेस को राहुल से 'वैचारिक निर्देश' नहीं मिल रहा है, उन्होंने अब तक अपने विचारों व सोच का संक्षिप्त प्रदर्शन ही किया है।
इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि खुर्शीद के बयान से स्पष्ट है कि कांग्रेस दिशाहीन है। खुर्शीद का बयान उनके विचारों की पुष्टि करता है।
प्रसाद ने कहा कि हैरान करने वाली बात यह है कि यह बयान कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन [संप्रग] सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री की ओर से आ रहा है। यदि उनका ऐसा कहना है कि कांग्रेस दिशाहीन है तो देश की स्थिति खतरे में है।
प्रसाद ने राहुल पर खुर्शीद के बयान को हास्यास्पद करार दिया। उन्होंने कहा कि उन्होंने [खुर्शीद] कहा कि राहुल ने अपने विचारों व सोच का संक्षिप्त प्रदर्शन किया है, इसका अर्थ है कि राहुल के पास कोई स्पष्ट विचार नहीं है, जिसकी पुष्टि सरकार के वरिष्ठ मंत्री भी कर रहे हैं।
प्रसाद ने कहा कि खुर्शीद का बयान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के कामकाज पर भी अंगुली उठाता है। उन्होंने कहा कि अनिश्चितता की स्थिति देश के लिए ठीक नहीं है।
राजनीतिक रूप से नपुंसक हैं मनमोहन : ठाकरे
मुंबई। अपनी कड़वी जुबान के लिए सदैव चर्चा में रहने वाले शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे ने एक बार फिर जहर उगला है। टाइम मैगजीन द्वारा मनमोहन सिंह को फिसड्डी प्रधानमंत्री बताए जाने के बाद ठाकरे ने उन्हें राजनीतिक रूप से नपुंसक करार दिया है। इतना ही उन्होंने सरकार के खिलाफ जनता से विद्रोह का भी आह्वान किया है। इससे पहले टाइम मैगजीन ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अंडरअचीवर बता चुकी है।
ठाकरे ने पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में लिखे संपादकीय में कहा है कि लोग हैरत में हैं कि वास्तव में अंडरअचीवर का मतलब क्या है। हम बताते हैं कि इसका मतलब क्या है। हमारी ठाकरी भाषा में इसका मतलब है प्रधानमंत्री का राजनीतिक रूप से नपुंसक होना। ठाकरे ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा है कि हमारे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अब वैश्रि्वक स्तर पर एक हास्यास्पद प्राणी बन गए हैं। हिंदुस्तान का गूंगा और बहरा प्राणी कौन?..मनमोहन सिंह! इस तरह का चुटकुला दुनिया भर में प्रसिद्ध हुआ है। अब इस गूंगे-बहरे राष्ट्रीय प्राणी पर टाइम मैगजीन की भी नजर पड़ी है।
हालाकि, ठाकरे ने स्पष्ट किया है कि टाइम मैगजीन का दृष्टिकोण किसी आदमी को बड़ा या छोटा नहीं बनाता, क्योंकि इस मैगजीन पर भी व्यावसायिक दबाव होता है। कुछ समय पहले इसी मैगजीन ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को भारत का ऐसा राजनेता करार दिया था, जिससे लोग सबसे ज्यादा नफरत करते हैं। ठाकरे ने दावा किया है कि सिर्फ हिंदुत्व-विरोधी ताकतें ही मोदी से नफरत करती हैं। प्रधानमंत्री के बारे में लिखे गए टाइम मैगजीन के लेख का हावाला देते हुए उन्होंने कहा है कि अब तक घरेलू मीडिया ही उन्हें निशाना बना रहा था और अब इंटरनेशनल मीडिया भी उन्हें ठोकर मार रहा है।
उन्होंने कहा कि इस कठिन समय में अब प्रधानमंत्री और काग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाधी को देश को ऐसे व्यक्ति के हाथों में सौंपना चाहिए, जिसमें लड़ने का जज्बा हो। एक ऐसा व्यक्ति जो भ्रष्टाचार, आर्थिक संकट, आतंकवाद और अन्य समस्याओं से लड़ सके।
तत्काल टिकट बुकिंग का नियम बदला
नई
दिल्ली: रेलवे में तत्काल टिकट बुकिंग का नियम आज से बदल रहा है। अब
तत्काल की टिकट बुक का समय सुबह 8 बजे की बजाय 10 बजे से होगा। शुरुआती दो
घंटे यानी 10 से 12 बजे तक किसी भी अधिकृत एजेंट को तत्काल टिकट बुक कराने
की मनाही है। एनडीटीवी में तत्काल टिकटों की कालाबाजारी और खामियों की खबर
दिखाए जाने के बाद इस तरह का बदलाव किया गया है।
रेलवे विभाग के मुताबिक कुछ जोन में
तत्काल के लिए अलग से खिड़कियां बनाई गई हैं जिन जगहों पर तत्काल के लिए
अलग से काउंटर नहीं हैं वहां सुबह 10 से 10.30 बजे तक सामान्य खिड़कियों से
सिर्फ तत्काल के टिकट मिलेंगे। तत्काल में धांधली के आरोपों के बीच रेलवे
में कुछ और कदम उठाए हैं। अब मुख्य बुकिंग सेंटर्स पर सीसीटीवी कैमरों से
निगरानी रखी जाएगी। टिकट बुक करने वाले क्लर्क को काम के समय मोबाइल रखने
की पाबंदी होगी।
इसके अलावा किसी भी तरह की शिकायत करने के
लिए हेल्पलाइन नंबर जारी करने के साथ ही विजिलेंस की टीम के अचानक
निरीक्षण जैसे कदम उठाए गए हैं ताकि तत्काल टिकटों की कालाबाजारी को रोका
जा सके।
पड़ोसी लड़के से मिलने को रोका, तो बेटी ने बाप को ही गोली मार दी
लाहौर: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में एक किशोरी ने पड़ोस के एक लड़के के साथ अपने प्रेम संबंध को लेकर पिता द्वारा डांटने पर गुस्से में आकर पिता की कथित रूप से गोली मार कर हत्या कर दी। पुलिस ने आज बताया कि लाहौर से सौ किलोमीटर दूर फैसलाबाद के बिलाल शहर में मुहम्मद शब्बीर की 16 वर्षीय बेटी का कथित रूप से मुहम्मद बशारत नामक युवक के साथ प्रेम संबंध था।
पुलिस अधिकारी उमर दराज ने संवाददाताओं को बताया , ‘‘ इसके बारे में पता चलने पर शब्बीर ने बेटी को भविष्य में इस लड़के से मेलजोल बंद करने को कहा।’’ दराज ने बताया कि लड़की के रिश्तेदारों ने बताया है कि मना करने के बावजूद युवक से प्रेम संबंध जारी रखने पर पिता ने उसकी पिटाई भी की थी। पुलिस अधिकारी ने आशंका जतायी कि संभवत: इसी के चलते वह अपने पिता से गुस्से में थी।
कल लड़की ने बशारत से एक बंदूक मुहैया कराने को कहा ताकि वह अपने पिता की हत्या कर सके । उसने कथित रूप से सोते में अपने पिता की हत्या कर दी। गोलीबारी की आवाज सुनकर पड़ोसियों ने पुलिस को बुलाया। पुलिस परिवार के कई सदस्यों को पकड़ कर पुलिस थाने ले गयी जहां लड़की ने पूछताछ के दौरान अपना गुनाह कुबूल लिया। पुलिस ने बशारत को भी गिरफ्तार कर लिया है तथा दोनों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है।
Wednesday, July 4, 2012
'गॉड पार्टिकल ' के रहस्य से पर्दा हटा
जिनीवा।। जिनीवा
में साइंटिस्टों ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि
उन्हें प्रयोग के दौरान नए कण मिले, जिनकी कई खूबियां हिग्स बोसोन से
मिलती हैं। उन्होंने बताया कि वैज्ञानिक नए कणों के विश्लेषण में जुटे
हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इन नए कणों के कई गुण हिग्स बोसोन
थ्योरी से मेल नहीं खाते हैं। फिर भी इसे ब्रह्मांड के रहस्य खोलने की
दिशा में एक अहम कामयाबी माना जा रहा है।
वहीं, एटलस एक्सपेरिमेंट प्रोजेक्ट पर काम कर रहे ब्रिटिश भौतिकशास्त्री ब्रॉयन कॉक्स के मुताबिक सीएमएस ने एक नया बोसोन खोजा है जो कि स्टेंडर्ड हिग्स बोसोन की तरह ही है। हालांकि कॉक्स ने यह भी कहा कि अधिक जानकारी के लिए हिग्स सिग्नल को प्रत्येक इवेंट में 30- प्रोटान-प्रोटान कॉलिजन कराना पड़ेगा जो कि काफी मुश्किल होगा क्योंकि यह एटलस प्रोजेक्ट की डिजाइन क्षमता के बाहर की बात है।
भारतीय वैज्ञानिक के नाम पर दिया नाम बोसोन
बोसोन परमाणु में अब तक ज्ञात सबसे छोटे कण हैं। परमाणु की बनावट में न्यूक्लियस के अंदर प्रोटॉन तक पहुंच कर भी साइंटिस्ट दुनिया की बनावट का रहस्य नहीं भेद पाए। इसके बाद प्रोटॉन की बनावट को समझने की प्रक्रिया में एक खास कण का आभास हुआ जिसे बोसोन नाम दिया गया। खास बात यह कि बोसोन नाम भारतीय वैज्ञानिक सत्येंद्र नाथ बोस के नाम से लिया गया था जो कि आइंस्टीन के समकालीन थे।
1965 में पीटर हिग्स ने हिग्स बोसोन या गॉड पार्टिकल का आइडिया पेश किया। जिसमें उन्होंने बताया कि गॉड पार्टिकल वह कण है जो मैटर को मास (द्रव्यमान) प्रदान करता है। उनकी थ्योरी में हिग्स बोसोन ऐसा मूल कण था , जिसका एक फील्ड था , जो यूनिवर्स में हर कहीं मौजूद था। जब कोई दूसरा कण इस फील्ड से गुजरता तो रेजिस्टेंस या रुकावट का सामना करता, जैसे कि कोई भी चीज पानी या हवा से गुजरते हुए करती है। जितना ज्यादा रेजिस्टेंस , उतना ज्यादा मास। स्टैंडर्ड मॉडल हिग्स बोसोन से मजबूत हो जाता था, लेकिन उसके होने का एक्सपेरिमेंटल सबूत चाहिए था। सर्न के ताजा प्रयोगों के जरिए वैज्ञानिकों ने इस कण को पाया है।
सदी की सबसे बड़ी खोज?
इसे सदी की सबसे बड़ी खोज कहा जा रहा है। समझा जाता है कि इन कणों के विश्लेषण के जरिए वैज्ञानिक सृष्टि का रहस्य सुलझा लेंगे। यह भी कहा जा रहा है कि एक बार बोसोन का रहस्य पूरी तरह समझ में आ जाए तो उसके बाद कोई भी बीमारी लाइलाज नहीं होगी।
सर्न की खोज पर प्रतिक्रिया देते हुए वैज्ञानिक पीटर हिग्स ने कहा, 'सर्न के वैज्ञानिक आज के नतीजों के लिए बधाई के पात्र हैं, यह यहां तक पहुंचने के लिए लार्ज हेड्रान कोलाइडर और अन्य प्रयोगों के प्रयासों का ही नतीजा है। मैं नतीजों की रफ्तार देखकर हैरान हूं। खोज की रफ्तार शोधकर्ताओं की विशेषज्ञता और मौजूदा तकनीक की क्षमताओं का प्रमाण है। मैंने कभी उम्मीद नहीं की थी कि मेरे जीवनकाल में ही ऐसा होगा।'
इससे पहले, फ्रांस और स्विटजरलैंड की सीमा पर जिनीवा में बनी सबसे बड़ी प्रयोगशाला में दुनिया भर के बड़े वैज्ञानिकों को निमंत्रित किया गया था।
यूरोपियन ऑर्गनाइजेशन फॉर न्यूक्लियर रिसर्च (सर्न) के जिनीवा के पास स्थित फिजिक्स रिसर्च सेंटर के साइंटिस्टों ने बताया कि गॉड पार्टिकल का पता तब चला, जब एटलस और सीएमएस प्रयोगों से जुड़े साइंटिस्टों ने लार्ज हैड्रोन कॉलाइडर को तेज स्पीड में चलाकर कई कणों को आपस में टकराए।
इस दौरान बोसोन के चमकते हुए अंश सामने आए, लेकिन उन्हें पकड़ना मुमकिन नहीं था। सीएमएस से जुड़े एक साइंटिस्ट ने बताया, ये दोनों ही प्रयोग एक ही मास लेवल पर गॉड पार्टिकलों के वजूद का संकेत दे रहे हैं।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर हिग्स बोसोन के वजूद की पुष्टि होती है, तो यह ब्रह्मांड के सभी मूलभूत तत्वों के रहस्यों को सामने लाने की शुरुआत होगी और यह पिछले 100 सालों में सबसे अहम खोज कही जाएगी।
वहीं, एटलस एक्सपेरिमेंट प्रोजेक्ट पर काम कर रहे ब्रिटिश भौतिकशास्त्री ब्रॉयन कॉक्स के मुताबिक सीएमएस ने एक नया बोसोन खोजा है जो कि स्टेंडर्ड हिग्स बोसोन की तरह ही है। हालांकि कॉक्स ने यह भी कहा कि अधिक जानकारी के लिए हिग्स सिग्नल को प्रत्येक इवेंट में 30- प्रोटान-प्रोटान कॉलिजन कराना पड़ेगा जो कि काफी मुश्किल होगा क्योंकि यह एटलस प्रोजेक्ट की डिजाइन क्षमता के बाहर की बात है।
भारतीय वैज्ञानिक के नाम पर दिया नाम बोसोन
बोसोन परमाणु में अब तक ज्ञात सबसे छोटे कण हैं। परमाणु की बनावट में न्यूक्लियस के अंदर प्रोटॉन तक पहुंच कर भी साइंटिस्ट दुनिया की बनावट का रहस्य नहीं भेद पाए। इसके बाद प्रोटॉन की बनावट को समझने की प्रक्रिया में एक खास कण का आभास हुआ जिसे बोसोन नाम दिया गया। खास बात यह कि बोसोन नाम भारतीय वैज्ञानिक सत्येंद्र नाथ बोस के नाम से लिया गया था जो कि आइंस्टीन के समकालीन थे।
1965 में पीटर हिग्स ने हिग्स बोसोन या गॉड पार्टिकल का आइडिया पेश किया। जिसमें उन्होंने बताया कि गॉड पार्टिकल वह कण है जो मैटर को मास (द्रव्यमान) प्रदान करता है। उनकी थ्योरी में हिग्स बोसोन ऐसा मूल कण था , जिसका एक फील्ड था , जो यूनिवर्स में हर कहीं मौजूद था। जब कोई दूसरा कण इस फील्ड से गुजरता तो रेजिस्टेंस या रुकावट का सामना करता, जैसे कि कोई भी चीज पानी या हवा से गुजरते हुए करती है। जितना ज्यादा रेजिस्टेंस , उतना ज्यादा मास। स्टैंडर्ड मॉडल हिग्स बोसोन से मजबूत हो जाता था, लेकिन उसके होने का एक्सपेरिमेंटल सबूत चाहिए था। सर्न के ताजा प्रयोगों के जरिए वैज्ञानिकों ने इस कण को पाया है।
सदी की सबसे बड़ी खोज?
इसे सदी की सबसे बड़ी खोज कहा जा रहा है। समझा जाता है कि इन कणों के विश्लेषण के जरिए वैज्ञानिक सृष्टि का रहस्य सुलझा लेंगे। यह भी कहा जा रहा है कि एक बार बोसोन का रहस्य पूरी तरह समझ में आ जाए तो उसके बाद कोई भी बीमारी लाइलाज नहीं होगी।
सर्न की खोज पर प्रतिक्रिया देते हुए वैज्ञानिक पीटर हिग्स ने कहा, 'सर्न के वैज्ञानिक आज के नतीजों के लिए बधाई के पात्र हैं, यह यहां तक पहुंचने के लिए लार्ज हेड्रान कोलाइडर और अन्य प्रयोगों के प्रयासों का ही नतीजा है। मैं नतीजों की रफ्तार देखकर हैरान हूं। खोज की रफ्तार शोधकर्ताओं की विशेषज्ञता और मौजूदा तकनीक की क्षमताओं का प्रमाण है। मैंने कभी उम्मीद नहीं की थी कि मेरे जीवनकाल में ही ऐसा होगा।'
इससे पहले, फ्रांस और स्विटजरलैंड की सीमा पर जिनीवा में बनी सबसे बड़ी प्रयोगशाला में दुनिया भर के बड़े वैज्ञानिकों को निमंत्रित किया गया था।
यूरोपियन ऑर्गनाइजेशन फॉर न्यूक्लियर रिसर्च (सर्न) के जिनीवा के पास स्थित फिजिक्स रिसर्च सेंटर के साइंटिस्टों ने बताया कि गॉड पार्टिकल का पता तब चला, जब एटलस और सीएमएस प्रयोगों से जुड़े साइंटिस्टों ने लार्ज हैड्रोन कॉलाइडर को तेज स्पीड में चलाकर कई कणों को आपस में टकराए।
इस दौरान बोसोन के चमकते हुए अंश सामने आए, लेकिन उन्हें पकड़ना मुमकिन नहीं था। सीएमएस से जुड़े एक साइंटिस्ट ने बताया, ये दोनों ही प्रयोग एक ही मास लेवल पर गॉड पार्टिकलों के वजूद का संकेत दे रहे हैं।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर हिग्स बोसोन के वजूद की पुष्टि होती है, तो यह ब्रह्मांड के सभी मूलभूत तत्वों के रहस्यों को सामने लाने की शुरुआत होगी और यह पिछले 100 सालों में सबसे अहम खोज कही जाएगी।
न्यूड फोटो और अश्लील कहानी पोस्ट करने में केरल टॉप
नई दिल्ली। केरल साक्षरता में सबसे आगे है इसके साथ ही यह राज्य अश्लीलता में भी सबसे आगे है। जब इंटरनेट पर अश्लील सामग्री पोस्ट करने की बात आती है, तो भी केरल का नाम ही सामने आता है। एक सरकारी आकड़े के अनुसार इंटरनेट पर 496 ऐसे मामले आए, जिनमे से 136 मामले केरल के ही थे।
केरल राज्य साइबर क्राइम में भी पीछे नहीं है। पिछले साल साइबर क्राइम के 245 मामले दर्ज हुए थे, जिनमें से 55 प्रतिशत मामले केरल से ही थे। भारत से कुल अश्लील सामग्रियों के पोस्ट का 27 प्रतिशत पोस्ट अकेले केरल से ही होता है।
राष्ट्रीय अपराध ब्यूरों द्वारा जारी क्राइम इन इंडिया 2011 की रिपोर्ट के अनुसार साइबर क्राइम में केरल के बाद आंध्रप्रदेश का नाम आता है जहां 52 मामले दर्ज है। देश के एक लाख जनसंख्या वाले में अगर अश्लील पोस्ट के मामले में तुलना करे तो केरल को कोच्चि चौथे स्थान पर है।
रिपोर्ट में ऐसा भी बताया गया है कि केरल के लोग ऐसे पोस्ट महिलाओं से छेड़छाड़ और उनको परेशान करने के लिए भी करते है। राज्य में ऐसे 85 मामले सामने आये है। देश का साइबर क्राइम जिस हिसाब से बढ़ रहा है वाकई चिंतनीय है। सन 2009 में 696 मामले सामने आए थे, 2011 में यह संख्या बढ़कर 2213 हो गयी।
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