दिल्ली। यूपीए चेयरपर्सन की हैसियत से सोनिया गांधी ने एलान किया कि प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति पद के लिए उनके उम्मीदवार हैं। सोनिया के एलान ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर छाए सस्पेंस को मिटा दिया। यूपीए की तरफ से उम्मीदवारी सामने आने के बाद कई दलों ने प्रणब के नाम का समर्थन कर दिया है। इस तरह वे रायसीना की रेस में फिलहाल सबसे आगे हैं और सबकुछ ठीक चलता रहा तो 25 जुलाई से रायसीना हिल्स स्थित राष्ट्रपति भवन में प्रणब की ही 'दादा'गीरी चलेगी।
आपको बताते चलें कि कांग्रेस या उसकी सरकार में इंदिरा गांधी के जमाने से नंबर दो रहे प्रणब दा के अब देश के प्रथम नागरिक और महामहिम बनने का रास्ता साफ हो गया है। पिछले आठ वर्षो में संप्रग सरकार के सबसे बड़े संकटमोचक रहे दादा को छोड़ने का कठिन फैसला आखिरकार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लेना ही पड़ा। राहुल गांधी की इच्छा, पूरे देश में दादा के पक्ष में भावनात्मक ज्वार और मौजूदा सियासी हालात में प्रणब को सबसे सुरक्षित उम्मीदवार मानते हुए संप्रग की बैठक में उन्हें उम्मीदवार घोषित कर दिया गया।
इसके साथ ही कांग्रेस ने अब दादा के नाम पर सर्वसम्मति जुटाने के प्रयास भी तेज कर दिए हैं। सपा के दादा के साथ आने के बाद पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के चुनाव लड़ने की संभावनाएं लगभग खत्म हो गई हैं। कांग्रेस ने भी कलाम से चुनाव न लड़ने की अपील कर दी है। वहीं प्रणब मुखर्जी को सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के साथ बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने समर्थन देने का एलान किया है। इस बाबत मुलायम सिंह व मायावती ने शुक्रवार को लखनऊ में पत्रकारों से वार्ता की।
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